ईश्वर और इंशान
ईश्वर और इंशान
हेल्लो दोस्तो आज मै कुछ चलती फिरती बातो पर बात करूँगा। मै यही चाहता है पूरी दुनिया खुद पर भरोसा करे न की किसी अंधविश्वाश पर। " खुद पर भरोसा करो ईश्वर तुम्हारे साथ है यारो "।।
[अंतिम वाक्यो को जरूर पढना]
पहले तो अपनी आखरी पोस्ट का लिंक दे देता हूँ।आपका पढना जरूरी है, http://anandlifeview.blogspot.com/2018/08/blog-post_18.html?m=1
ईश्वर कौन है - इस पोस्ट के आगे से शुरू करते है। जैसे मैने कहा था, कुछ सच्चाई पर बात करूंगा।
1* पहली सच्चाई जो तोप जैसी काम करती है, वो ये है --- जो अपनी मदद करता है, ईश्वर भी उसी की मदद करता है !!.....इसकी सच्चाई ये है कि जब आप किसी काम को करने के लिए ईश्वर पर निर्भर न होकर खुद पर निर्भर होते है ,सारे काम खुद की मेहनत से करते है,तो हमारे दिमाक की अदभुत शक्ती हमारी मदद करती है। इसी शक्ती को हमने ईश्वर माना है। तो हो गया न " तुम अपनी मदद करो,ईश्वर तुम्हारी मदद करेगा। "
2* दूसरी सच्चाई जो ईश्वर को सुपर डुपर हिट बनाती है, वो ये है--- ईश्वर कण कण मे मौजूद है!!....... मानो आपने पत्थर ,मिट्टी को ईश्वर मानते हो तो आपकी दिमाक की शक्ती वहा इकट्टी हो जाती है, मानो उस जगह से चमत्कार होता है तो तुम्हारे दिमाक का चमत्कार है।
इस प्रकार सब हमारे दिमाक का खेल है , अब ज्यादा नही पकाउंगा कुछ दोस्त बोर होने लगते है।
क्यो कोई सच्चाई मानना नही चाहता।
मै ये नही कहता ईश्वर को मत मानो, यार मै मानता हूं हजारो सालो से ईश्वर को मानते आ रहे है कोई कह दे गलत है तो नही चलता ना। यार ईश्वर को मानो बस तरीका बदलो बाहर ढूढने के बजाय अपने अंदर की शक्ती को पहचानो अपने अंदर ईश्वर ढूंढो। कई महान कवियो ने भी कहा है ईश्वर मंदिरो मे नही बल्की हर जीव के अंदर होते है। इन सभी कवियो का भी यही कहना था जो मै कह रहा हूँ।
किसी भी वैज्ञानिक को देख लो हर किसीने अपने मेहनत से कामयाबी हासिल की है न की मंदिर या मश्जिद मे जाकर।
मुझे लगता है आपके सवालो का जवाब मिल चुका होगा ।
कुछ दोस्तो का कहना था ,ये दुनिया , सुर्य कैसै बने "ईश्वर ने बनाया" है ।...दुनिया कैसे बनी इसे कम शब्दो मै अगली पोस्ट मे बताऊंगा। साथ मे भूत कहा से आए।
[अंतिम वाक्यो को जरूर पढना]
पहले तो अपनी आखरी पोस्ट का लिंक दे देता हूँ।आपका पढना जरूरी है, http://anandlifeview.blogspot.com/2018/08/blog-post_18.html?m=1
ईश्वर कौन है - इस पोस्ट के आगे से शुरू करते है। जैसे मैने कहा था, कुछ सच्चाई पर बात करूंगा।
1* पहली सच्चाई जो तोप जैसी काम करती है, वो ये है --- जो अपनी मदद करता है, ईश्वर भी उसी की मदद करता है !!.....इसकी सच्चाई ये है कि जब आप किसी काम को करने के लिए ईश्वर पर निर्भर न होकर खुद पर निर्भर होते है ,सारे काम खुद की मेहनत से करते है,तो हमारे दिमाक की अदभुत शक्ती हमारी मदद करती है। इसी शक्ती को हमने ईश्वर माना है। तो हो गया न " तुम अपनी मदद करो,ईश्वर तुम्हारी मदद करेगा। "
2* दूसरी सच्चाई जो ईश्वर को सुपर डुपर हिट बनाती है, वो ये है--- ईश्वर कण कण मे मौजूद है!!....... मानो आपने पत्थर ,मिट्टी को ईश्वर मानते हो तो आपकी दिमाक की शक्ती वहा इकट्टी हो जाती है, मानो उस जगह से चमत्कार होता है तो तुम्हारे दिमाक का चमत्कार है।
इस प्रकार सब हमारे दिमाक का खेल है , अब ज्यादा नही पकाउंगा कुछ दोस्त बोर होने लगते है।
क्यो कोई सच्चाई मानना नही चाहता।
मै ये नही कहता ईश्वर को मत मानो, यार मै मानता हूं हजारो सालो से ईश्वर को मानते आ रहे है कोई कह दे गलत है तो नही चलता ना। यार ईश्वर को मानो बस तरीका बदलो बाहर ढूढने के बजाय अपने अंदर की शक्ती को पहचानो अपने अंदर ईश्वर ढूंढो। कई महान कवियो ने भी कहा है ईश्वर मंदिरो मे नही बल्की हर जीव के अंदर होते है। इन सभी कवियो का भी यही कहना था जो मै कह रहा हूँ।
किसी भी वैज्ञानिक को देख लो हर किसीने अपने मेहनत से कामयाबी हासिल की है न की मंदिर या मश्जिद मे जाकर।
मुझे लगता है आपके सवालो का जवाब मिल चुका होगा ।
कुछ दोस्तो का कहना था ,ये दुनिया , सुर्य कैसै बने "ईश्वर ने बनाया" है ।...दुनिया कैसे बनी इसे कम शब्दो मै अगली पोस्ट मे बताऊंगा। साथ मे भूत कहा से आए।
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